Wednesday, January 15, 2014

घर-परिवार या रिश्तेदारी में होती है लड़ाई तो यह उपाय करें


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली से व्यक्ति के पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों पर भी विचार किया जाता है। कुंडली के ग्रहों की स्थिति बता देती है कि उस व्यक्ति के अपने परिवार से कैसा रिश्ता है और भविष्य में इनका रिश्ता कैसा रहेगा? किसी व्यक्ति के मित्र कैसे हैं? इसी तरह अन्य सभी रिश्तों पर विचार किया जा सकता है। हर रिश्ते को अलग-अलग ग्रह प्रभावित करते हैं- यहां जानिए किस रिश्ते को कौन सा ग्रह प्रभावित करता है- राज्य- सूर्य भाई, मित्र- मंगल गुरु, पिता, दादा- गुरु चाचा, ताऊ- शनि पुत्र- केतु माता, दादी- चंद्र पुत्री, बहन, बुआ- बुध पत्नी या पति- शुक्र ससुराल, ननिहाल- राहु हर रिश्ता कैसा रहेगा यह कुंडली में स्थित ग्रहों के शुभ-अशुभ होने पर निर्भर करता है। - यदि आपको राज्य या समाज में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आप सूर्य की आराधना करें। प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएं, इससे समाज में यश, मान-सम्मान मिलेगा। - भाई या मित्र से संबंध ठीक नहीं रहते तो मंगलदेव की आराधना करें। प्रति मंगलवार शिवलिंग पर लाल फूल चढ़ाएं। - यदि पिता, दादा या गुरु से रिश्ता ठीक नहीं है तो गुरु अथवा बृहस्पति की पूजा कराएं। प्रतिदिन शिवजी को पीले फूल अर्पित करें। - यदि चाचा या ताऊजी से संबंधों खटास है तो शनिवार को शनिदेव के निमित्त तेल का दान करें। - यदि पुत्र आपकी नहीं सुनता, तो केतु का उपचार करें। केतु संबंधी वस्तुओं का दान दें। - चंद्र की आराधना से माता और दादी से रिश्तों में सुधार आएगा। - पुत्री, बहन या बुआ से रिश्तों में कड़वाहट आ गई है तो बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें। बुधवार को श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें। यदि पति-पत्नी के रिश्तों में किसी तरह की परेशानियां आ रही हैं तो शुक्रदेव को मनाएं। शुक्रवार को शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें। - ससुराल या ननिहाल वालों को मनाने के लिए राहु जप कराएं।

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